दीनबंधु चौ. छोटूराम
किसानों-मजदूरी के मसीहा कहे जाने वाले दीनबंधु चौ. छोटू राम 24 नवम्बर, 1881 को रोहतक (हरियाणा) के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में एक किसान परिवार में पैदा हुए थे। छोटूराम स्वतंत्र पूर्व भारत के गिने चुने विचारकों में से एक थे तथा जाट समुदाय से संबंध रखने वाले दीनबंधु भारतीय उपमहाद्वीप के उत्पीडित समुदायों के हितों के हिमायती माने जाते थे। जिसके चलते उन्हें साल 1937 में नाइट’ की उपाधि भी दी गई।
इतना ही नहीं छोटूराम जी ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा के दम पर स्कूल में ही जनरल रोबर्ट की उपाधि हासिल कर ली थी। वहीं उनके शैक्षिक स्तर की बात करें तो वे अंग्रेजी के ‘हिन्दुस्तान’ समाचारपत्र के संपादक की भूमिका
भी निभा चुके थे तथा बाद में उन्होंने ‘जाट गजट’ नाम का क्रांतिकारी अखबार भी शुरू किया जो हरियाणा का सबसे पुराना अखबार माना जाता है। इस अखबार के माध्यम से छोटूराम जी ने ग्रामीण जनजीवन का उत्थान और साहूकारों द्वारा गरीब किसानों के शोषण पर एक सारगर्भित दर्शन दिया था।
बात उनके महत्वपूर्ण योगदानों की की जाए तो उनमें साहूकार पंजीकरण एक्ट, गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम, व्यवसाय श्रमिक अधिनियम, कर्जा माफी अधिनियम, मौर के शिकार पर पाबंदी जिन्ना को पंजाब से बाहर निकालना, भाखड़ा नांगल बांध का प्रस्ताव आदि प्रमुख हैं।