गुरु गोबिंद सिंह
सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी थे जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु के रूप में स्थापित किया तथा सिखों के पांच orologi replica ककार(केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा) धारण करने जैसे नियम बनाए थे। साल 1699 में सिखों में खालसा पंथ की स्थापना का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। माना जाता है कि अपने पिता गुरु तेग बहादुर की शहादत के पश्चात केवल 9 वर्ष की आयु में गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु की जिम्मेदारी ले ली थी। montres repliques
गुरु गोविंद सिंह ने मुगलों की सेना के साथ पंजाब के चमकौर में साल 1704 में चमकौर का युद्ध लड़ा था। जिसमें गुरु जी ने अपने दो पुत्रों साहिबज़ादा अजीत सिंह व साहिबज़ादा जुझार सिंह और 40 सिंह की शहादत दी थी। जिसका वर्णन गुरु गोविंद सिंह ने ज़फ़रनामा में भी किया है।
वहीं ऐसा कहा जाता है की गुरु गोबिंद Rolex Replica uk सिंह जी ने मुसलमानों के बारे में एक बार ये कहा था कि “वे कुरान की सौ बार कसम खाए तो भी उन पर विश्वास नही करना चाहिए।“