महाराणा प्रताप
मुगली के बार-बार हुए हमलों से मेवाड़ की रक्षा करने वाले मेवाड़ के महाराणा, महाराणा प्रताप को उनकी वीरता, साहस और देशभक्ति के लिए जाना जाता है। राजस्थान के मेवाड़ में 9 मई 1540 को जन्मे महाराणा प्रताप को अपने पिता महाराणा उदयसिंह की मृत्यु के पश्चात राजसी घटनाओं में सक्रिय रूप से शामिल होना पड़ा था। वहीं उनके साहस और पराक्रम की बात करें तो 30 सालों तक लगातार कोशिश के बाद भी अकबर उन्हें बंदी नहीं बना पाया था और आखिरकार, अकबर को महाराण को पकड़ने का ख्याल दिल से निकलना पड़ा था।
वहीं कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के पास हमेशा 104 किलो वजन वाली दो तलवार रहती थी। दो तलवार साथ रखने का कारण यह बताया जाता है कि अगर कोई निहत्था दुश्मन मिले तो एक तलवार उसे दे सकें, क्योंकि वे निहत्थे पर वार नहीं करते थे। अपने राज्य की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप ने जीवन भर संघर्ष किया और यह भी कहा जाता है कि उन्होंने जंगल में घास की रोटी खाई और जमीन पर सोकर रात गुजारी लेकिन अकबर के सामने कभी हार नहीं मानी।
